शेख हसीना के इस्तीफे के बाद राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे बांग्लादेश के हालात पर पाकिस्तान ने पहली प्रतिक्रिया दी है।
बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान ने बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई।
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के कारण शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा था।
शेख हसीना को सत्ता से बेदखल करने के बाद सेना ने सत्ता संभाल ली है और हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 440 हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने मंदिरों पर भी हमला किया।
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद को भंग कर दिया और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को आगामी अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया।
विदेश कार्यालय ने बांग्लादेश में हाल ही में हुए राजनीतिक परिवर्तन पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में एक संक्षिप्त बयान में कहा, पाकिस्तान सरकार और लोग बांग्लादेश के लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और ईमानदारी से शांतिपूर्ण और शीघ्र सामान्य स्थिति की वापसी की उम्मीद करते हैं।
आगे कहा कि बांग्लादेशी लोगों की दृढ़ भावना और एकता उन्हें एक सामंजस्यपूर्ण भविष्य की ओर ले जाएगी।
बांग्लादेश को 1971 में पाकिस्तान से स्वतंत्रता मिली थी। हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान ने भारत की मदद से बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आंदोलन हिंसा में हुई तब्दील
बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन शेख हसीना विरोधी आंदोलन में बदल गया था। शेख हसीना ने आंदोलन को रोकने के लिए बल का प्रयोग किया, जिससे यह आंदोलन भड़क गया। रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार को छात्रों ने ढाका मार्च का आह्वान कर दिया।
ढाका शहर में बढ़ती संख्या के बाद सेना ने भी शेख हसीना की मदद करने से इनकार कर दिया। इसके बाद सोमवार दोपहर शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और सेना के विमान से देश छोड़कर भारत आ गईं।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने मंगलवार की शाम नई अंतरिम सरकार की घोषणा की। नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया है। बाकी सदस्यों की घोषणा बाद में की जाएगी।
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